अगर किसी किसान के पास किसान आईडी नहीं है तो उसे कोई सहायता नहीं मिलेगी, देखें सरकार का फैसला

 


एक ओर, मराठवाड़ा से बाढ़ ने तबाही मचा दी है और बलिराजा में बड़ा संकट पैदा हो गया है। सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग उठ रही है। ऐसे में राज्य सरकार मदद तो कर रही है, लेकिन दूसरी ओर, इस मदद को पाने के लिए प्रभावित किसानों के पास किसान पहचान पत्र होना अनिवार्य कर दिया गया है।

केंद्र सरकार की एग्रीस्टाक योजना का क्रियान्वयन राज्य सरकार के कृषि विभाग के माध्यम से किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत, 15 जुलाई 2025 से, राहत एवं पुनर्वास विभाग के अंतर्गत प्राकृतिक आपदाओं से कृषि फसलों/कृषि भूमि को हुए नुकसान के सत्यापन हेतु कृषि विभाग की एग्रीस्टाक योजना के अंतर्गत प्राप्त कृषक आईडी संख्या को अनिवार्य किया जा रहा है।

 इस संबंध में 29 अप्रैल 2025 को एक सरकारी निर्णय लिया गया है।कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं का लाभ किसानों को शीघ्र एवं प्रभावी रूप से मिले, इसके लिए एग्रीस्टैक योजना के अंतर्गत कृषक आईडी नंबर अनिवार्य कर दिया गया है। फसल हानि सहायता हेतु परम्परागत तरीके से पंचनामा तैयार करते समय कृषक आईडी नंबर के लिए एक स्थान अवश्य रखा जाए।

फसल हानि सहायता वितरण हेतु डीबीटी प्रणाली में किसान आईडी क्रमांक के लिए एक फ़ील्ड बनाया जाए और उसमें किसान आईडी क्रमांक भरा जाए। इस सरकारी निर्णय में यह भी उल्लेख किया गया है कि राज्य में चरणबद्ध तरीके से ई-पंचनामा शुरू करते समय पंचनामा में किसान आईडी क्रमांक (किसान आईजी) अंकित करना अनिवार्य होगा।

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